अलग –अलग राहो के दो मुसाफिर है हम
फर्क सिर्फ इतना है .... अकेले तु भी
है अकेले मै भी......
जाना तुझे भी है ,
जाना मुझे भी है |
रास्ते अंजान है मंजीले भी दूर ...
चलना तुझे भी है चलना मुझे भी है ......
जिन राहो पर चलना था तेरे साथ
जिस मंजिल की तलाश थी तेरे साथ
उसे अब तन्हा ही...........
पाना तुझे भी है पाना मुझे भी है
......
माना अलग है हमारी राहे
अलग है हमारी मंज़िले
फिर भी अपनी यादों
के कारवां के साथ- साथ
..........
चलना तुझे भी है चलना मुझे भी है.......