तुम बदले...............
तुम बदले सम्बोधन बदला, लेकिन मन की बात वही है |
जाने क्यो मौसम के पीछे, दिन बदले पर रात वही है |
तन की त्रिस्ना झुलस कर सोई ,मन मे झंझावात वही है |
तुम बदले सम्बोधन बदला, लेकिन मन मे बात वही है |
रिश्ते वही है नाते वही है ,लेकिन वो जज़्बात नहीं है |
सपने वही है ,लेकिन उनमे वो बात नहीं है |
तुम बदले सम्बोधन बदला, लेकिन मन
मे बात वही है
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