मेरी जिंदगी मुझसे इतनी रुसवां क्यूँ है
हर किसी से इतनी जुदा क्यू है...|
हर किसी से इतनी जुदा क्यू है...|
भीड़ से घिरी हूँ मैं हरदम..फिरभी,
मेरा दिल इतना तनहा क्यूँ हैं.....|
पलके भरी है मेरी सपनो से ...फिरभी
नींद से जागना इतना दुखदायी क्यूँ है...|
हर तरफ चाहत है जिंदगी में ...फिरभी
मुझे जिंदगी से शिकायत क्यूँ है....|
हर पल मेरे तस्सवुर में तुम हो .. फिरभी
हर वक्त तन्हाई का आलम क्यूँ है...|
हर दम बिखरी है मुस्कराहट होठो पर...फिरभी
आँखों में आँसूऔ का दरिया क्यूँ है....|
मालूम है मुझे तुम कही नहीं हो। ..फिर भी,
इस दिल को तुम्हारा इन्तजार क्यूँ हैं ....|
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