ये एक रिश्ता है...
ये एक रिश्ता है...
बेनाम..... मगर नाम सा
न हासिल होने का मतलब
मगर जुदा होने का डर
न कुछ खोने की चिंता
न कुछ पाने की चाहत
फिर भी है वो दिल के
बिलकुल करीब, लगता है
बिलकुल अपना सा
मेरी मुहब्बत तो नहीं वो
पर मुहब्बत से भी ज़्यादा है
मेरी जरुरत भी नहीं वो
लेकिन है मेरे लिए जरुरी सा
जाने क्या है और कैसा है
क्यूँ है और कैसे है,
अनजान है मगर जाना सा
बिलकुल पहचाना सा
क्योकि ..... ये रिश्ता है
तेरा और मेरा और हमारे प्यार का ...|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें