घरौंदा .... तेरी मुहब्बत का
एक घर बनाया मैंने तेरी मुहब्बतों का
सजा दिया है तेरी प्यारी सी यादो के साथ
कुछ गुजरे लम्हो की तोड़न लगायी है
दरवाजे पर.....
तेरी कदमो की आहट को
रख दिया चौखट पर
तेरी हसी को भर दिया कमरों में
खूबसूरत पल को भी डाल दिया झूलो में
तेरे एहसास को भर कर आ गयी गलियारे में
तेरी खुश्बू बिखेर आयी आँगन में
प्यार परोसा दिया रसोई में
चाहत भर कर रख दिया भंडार में
दिल धडकन सब सजा कर आ गयी
अपने इस प्यारे से घरौंदे में
मगर.... छुपा दिया एक कोने में
अपने आंसू और दर्द को
ढक दिया है अपने अकेलेपन को
बंद कर दिया एक बक्से में
अपने सूनेपन को
क्योकि ..... जीना सीख लिया
है तेरी यादो के साथ
इसीलिए एक घरौंदा बनाया मैंने
तेरी मुहब्बतों का... |