कभी तो आ
जाओ
बाहर मेरी ख्वाबो
से
कभी तो आकर बैठो मेरे
पास
ऐसा क्यों नहीं
होता
शुरू
हो
जो
बातो
का
सिलसिला
कभी ख़तम ही
ना
हो
सुनते रहो बस
मुझे
तुम
ऐसा क्यों नहीं
हो
सकता
कभी सुनो मेरे
दिल
का
हाल
पोंछ दो मेरे
आंसू
लेकर अपनी आगोश
में
ऐसा क्यों नहीं
कर
सकते
कभी थाम कर मेरा हाथ
जताओ
अपना
हक़
पूछो मुझसे कोई
सवाल
देख कर मेरी
आँखों
को
समझो दिल का
हाल
ऐसा क्यों नहीं
कर
सकते
थक गयी हूँ अपनी खामोशियो से
भूल गयी हूँ मुस्कुराना
बिताओ कुछ पल
मेरे
साथ
जी लूँ फिर से जिंदगी
अपनी
एक बार ऐसा
कर
के
तो
देखो
लब्जो के जादूँ
से
ख़तम
कर दो खामोशी
को
मिटा दो ये
दूरी
फिर से रोशन
कर
दो
जहाँ मुहब्बत का
ले चलो चाहत
के
रास्ते
पर
प्यार की मंजिल
तक
वहाँ पहुंच कर के तो देखो
मेरे हाथ थाम कर तो
देखो
एक बार मेरे
साथ
आकर
तो
देखो