प्रेम बिछोह के
बाद भी
रहता है जीवित
यादों में
लेता रहता है सांस
प्रेमिका के
सांसों के साथ
धड़कता रहता है
प्रेमी के धड़कनों
के साथ
कुछ नही बदलता
सब वैसा ही रहता
है जैसा
बिछड़ने से पहले
था
वही अक्स वही चाहत
फर्क है तो सिर्फ
बिछोह का एक दूसरे
से दूर होकर भी
जीवित
रहता है प्रेम
दोनो के दिल में
क्योंकि प्रेम में
बिछोह है
समाप्ति नही ।।
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