तुमसे विरह होकर
वेदना मिली
और मेरी कलम
ने हमेशा विरह को
महसूस कर
वेदना को लिखा
विरह और वेदना
दोनो
एक दूसरे के पूरक
है
प्रेम है तो विरह
भी
होगा विरह होगा तो
वेदना भी मिलेगी
प्रेम में विरह ही
प्रेम को पूर्ण
करता है
और वेदना के साथ
हम सारी जिंदगी
सांस लेते रहते है
।।
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