हर तरफ सिर्फ तू है और तेरा प्यार
लाती हूँ जब भी तुझे खयालो में
महसूस करती हूँ जब भी तुझे अपनी बाहों में
सामने तू होता है और सिर्फ तू ही होता है
रहती है कुछ कश्मकश सी
कैसे शुरू करू, कहा से शुरू करू
तुझसे बाते करू या तुझको देखूं
देखूँ तेरी आँखों को जो सागर है मेरे प्यार का
घुल जाऊं उसमे प्यार का एक बूँद बनकर
लाती हूँ जब भी तुझे खयालो में
महसूस करती हूँ जब भी तुझे अपनी बाहों में
सामने तू होता है और सिर्फ तू ही होता है
रहती है कुछ कश्मकश सी
कैसे शुरू करू, कहा से शुरू करू
तुझसे बाते करू या तुझको देखूं
देखूँ तेरी आँखों को जो सागर है मेरे प्यार का
घुल जाऊं उसमे प्यार का एक बूँद बनकर
या सिर्फ छू लूँ तेरे चरणों को जहां तर्पण है जान मेरी
कर दू अपना सब कुछ अर्पण अपने प्रियतम को
हर सांस में बसा गया है तू इस क़द्र
कि खुद से भी तेरे हिस्से की ही बाते करती हूँ
तू दूर है फिर भी हरदम मेरे पास है
तेरे प्यार का हर पल एहसास है क्योकि...
हर तरफ सिर्फ तू है और तेरा प्यार ......|
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