सुनो..... इस बार अगर आना
तो जाने के लिए मत आना
कोई एहसान जताने के लिए मत आना...
मैंने बहुत इंतज़ार किया है तुम्हारा
पलके बिछा रखी है तुम्हारी राहो में
तमन्नाओ की शमा जला रखी है तुम्हारे इतंज़ार में
वो शमा बुझाने के लिए मत आना....
प्यार की आग में जल रही हूँ मैं
तुम्हारी याद में पिघल रही हूँ मैं
पता है की तुम बेबस हो.... पर
ये बताने के लिए मत आना....
आना तभी जब तुम मजबूर न हो
जब तुमको मुहब्बत का एहसास हो
आना तभी जब मुझसे मिलने की तुम्हे भी चाहत हो
जब तुमको मेरे दर्द का एहसास हो
आना तभी जब तुम सिर्फ मेरे लिए हो
नहीं तो.... कोई रस्म निभाने मत आना...
सुनो......इस बार अगर आना
तो जाने के लिए मत आना...|
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