"खामोशिया ...."
खामोशियों मे डूबी ये जिंदगी ,महफिल को तरस गयी है ,
याद तुझे करते -करते मेरी आंखे बरस गयी है |
तेरी यादों का मौसम कभी न खत्म होने वाला मौसम है ,
तेरे ना होने का एहसास ,दिल को सताता रहता है ,
खामोश रह कर तुझे ही याद करता है |
तेरी हर आहट मेरी खामोशी को तोड़ती है,
मगर फिर वही आहट मेरी खामोशी बन जाती है |
और फिर एहसास होता है तुम तो हो ही नहीं ,कही नहीं हो ....
और फिर मेरी जिंदगी खामोशियो मे डूब जाती है |
खामोशियों मे डूबी ये जिंदगी ,महफिल को तरस गयी है ,
याद तुझे करते -करते मेरी आंखे बरस गयी है |
तेरी यादों का मौसम कभी न खत्म होने वाला मौसम है ,
तेरे ना होने का एहसास ,दिल को सताता रहता है ,
खामोश रह कर तुझे ही याद करता है |
तेरी हर आहट मेरी खामोशी को तोड़ती है,
मगर फिर वही आहट मेरी खामोशी बन जाती है |
और फिर एहसास होता है तुम तो हो ही नहीं ,कही नहीं हो ....
और फिर मेरी जिंदगी खामोशियो मे डूब जाती है |
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