…माँ जैसी इस संसार में कोई नहीं है न तो उसके जैसी खूबसूरत और न ही समझदार न ही निश्छल प्यार करने वाला कोई है , भगवान की सबसे खूबसूरत देंन है वो है। … माँ । भगवान का प्रसाद है..... माँ ।
आज अचानक आसुओ की धार निकल पड़ी , बैठे - बैठे मै यु ही रो पड़ी…
क्योकि माँ आज तुम बहुत याद आई.....
तुम्हारा आँचल याद आया ,तुम्हारा स्पर्श याद आया,
इसलिए माँ आज तुम बहुत याद आई.……
जबसे तुमसे दूर हुई हूँ मै कितनी मजबूर हुई हु,
शायद इसलिए माँ आज तुम बहुत याद आई.…।
आज मै बहुत अकेली हूँ ,ढूढ़ रही हूँ .… तुमको यादो में.… अपनी निदो में अपनी ख्वाबो में
शायद आ जाओ मेरे सपनो में ,आकर अपना स्पर्श दे दो, अपना आँचल दे दो
दो बातें कर लो आकर.… मै धन्य हो जाऊ तुमको फिर से पाकर ,
सपनो में सही माँ पर आ तो जाओ ....... माँ मेरी प्यारी माँ तुम ही तुम हो बस यादो में ……
इसलिए माँ तुम आज बहुत याद आई।
आज अचानक आसुओ की धार निकल पड़ी , बैठे - बैठे मै यु ही रो पड़ी…
क्योकि माँ आज तुम बहुत याद आई.....
तुम्हारा आँचल याद आया ,तुम्हारा स्पर्श याद आया,
इसलिए माँ आज तुम बहुत याद आई.……
जबसे तुमसे दूर हुई हूँ मै कितनी मजबूर हुई हु,
शायद इसलिए माँ आज तुम बहुत याद आई.…।
आज मै बहुत अकेली हूँ ,ढूढ़ रही हूँ .… तुमको यादो में.… अपनी निदो में अपनी ख्वाबो में
शायद आ जाओ मेरे सपनो में ,आकर अपना स्पर्श दे दो, अपना आँचल दे दो
दो बातें कर लो आकर.… मै धन्य हो जाऊ तुमको फिर से पाकर ,
सपनो में सही माँ पर आ तो जाओ ....... माँ मेरी प्यारी माँ तुम ही तुम हो बस यादो में ……
इसलिए माँ तुम आज बहुत याद आई।
माँ की याद मे ......मेरी एक कविता।
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