जब भी आती है याद तुम्हारी ......
तब काँपतें लब है मेरे और आँखों में आँसू आ जाते है,
जब भी याद तुम्हारी आती है.....
तब मन बेचैन होता है मेरा और साँसे थम सी जाती है,
जब भी याद तुम्हारी आती है....
तब दिल जोर से धड़कता है, और धड़कने रुक सी जाती है,
तुम्हारी याद के सहारे ......
जब भी पकड़ती हूँ तेरे उम्मीद का दामन,
खुद का दामन छूटने लगता है,
देखती हूँ तुम्हारी राह, तो खुद के रास्ते,
पीछे रह जाते है.......
ढूँढती हो तुम्हारे होने का मतलब,
तो खुद का वज़ूद खोने लगता है.... इसीलिए
ढूँढ रही अपने जीने का मतलब
तुम्हारे बगैर.....तुमसे दूर....
मगर तुम्हारी यादो के साथ....