शुक्रवार, 29 जून 2018
गुरुवार, 21 जून 2018
यादों का सिलसिला
कुछ भूली बिसरी यादों को देखो ....
वो जो एक सिलसिला बन कर रह गयी है,
जब भी आती है रुला कर जाती है,
कुछ जख्म को ताजा कर जाती है....
कुछ जख्म पर मरहम लग जाती है,
कभी मुस्कराहट दे जाती है..... तो
कभी आंसूं भर जाती है.....
कभी दर्द बन कर कांटे सी चुभती है
तो.... कभी फूल बन कर खुशबु भर जाती है
ये यादों का सिलसिला है.....
जो रुकने का नाम नहीं लेता ....
चलता रहता है..... मेरी साँसों के साथ
मेरी धड़कनो के साथ......
ये कभी न ख़त्म होने वाला
मेरी यादों का सिलसिला है.......!
सोमवार, 18 जून 2018
दोस्ती
एक दूसरे की पहचान है दोस्ती
हक़ीक़त और ख्याल है दोस्ती
जीवन का एक इक्तफाक़ है दोस्ती
दो दिलो की मुलाकात है दोस्ती
चाहत और जज्बात है दोस्ती
दोस्ती रोशनी है और अँधेरा भी
दोस्ती रात है और सवेरा भी
दोस्ती एक संगीत है .....तो
एक खूबसूरत गीत भी है दोस्ती
दिल से निकली दुआ है दोस्ती
तेरी मेरी वफ़ा है दोस्ती
दो दिल एक जान है दोस्ती,
प्यार का दूसरा नाम है दोस्ती,
दोस्ती....... मेरा अरमान है,
दोस्ती मेरी पहचान है,
ये मेरा जीवन दोस्त तेरे नाम है
तुझपे ये दिल और जान भी कुर्बान है !
सोमवार, 11 जून 2018
ये कैसा रिश्ता है
ये कैसा रिश्ता है तेरे मेरे दरमियाँ,
जो दिखाई नहीं देता.......
सिर्फ महसूस होता है,
ये कैसा रिश्ता है तेरे-मेरे दरमियाँ,
जिसे लफ्जों में बया नहीं,
कर सकते.....
ये कैसा रिश्ता है, तेरे-मेरे दरमियाँ,
जिसने बांध रखा है दोनों को,
एक बंधन में,
जो दूर होकर भी पास....
होने का एहसास होता है,
हाँ ... ऐसा रिश्ता है तेरे मेरे दरमियाँ...
जो है हर रिश्ते से परे,
एक विश्वास का रिश्ता,
एक प्यार का रिश्ता,
जहाँ सिर्फ एहसास है तेरे होने का,
तेरी चाहत का, तेरी मुहब्बत का....!
बुधवार, 6 जून 2018
चलो आज चले
चलो आज चले, किसी नयी राह पर,
कुछ नये की तलाश में.....
जहाँ न कुछ खोने का डर हो ना
कुछ पाने की आस......
ना कोई जाना -पहचाना हो
न कोई एहसास .....
चलो आज चले अनिश्चितता से
निश्चिता की तरफ ...
गति से स्थिरता की तरफ,
इन उलझनो से सुलझन की तरफ़,
चलो आज खुद से अजनबी बन जाए.....
परिचित से अपरिचित बन जाए,
देखे अपने अंदर, ढूंढे खुद को खुद में,
खुद से कुछ बातें करे......
तलाश करे खुद की और फिर तराश दे मन को,
मन के अंतर्द्व्न्द को,
चलो आज चले, कही दूर, बहुत दूर,
किसी नयी राह पर........ !
शनिवार, 2 जून 2018
एक मुस्कराहट अपने नाम कर लूँ ,
आज खुद से एक वादा किया,
आज जी लूँ सिर्फ अपने लिए.....
आज एक मुस्कराहट अपने नाम कर लूँ ,
खुशियों का एक जाम अपने नाम कर लूँ ...
बहुत बातें कर ली दूसरों से,
आज खुद से कुछ बातें कर लूँ....
आज की सुबह - शाम अपने नाम कर लूँ ,
लोगो से बहुत सुना है अपने बारे में,
आज खुद से खुद की पहचान कर लूँ.....
जिंदगी हाथ थामे तेजी से चल रही है,
आज थोड़ा सा बिश्राम कर लूँ.....
कुछ पल अपने लिए निकाल कर,
बाकि सबको अल्पविराम कर लूँ....
आज जी लूँ खुद के लिए, रो लूँ और....
हँस भी लूँ ..... खुद के लिए,
आज थोड़ी सा स्वार्थी बन कर...
एक मुस्कुराहट अपने नाम कर लूँ |
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