यूँ तो ये आँखे बिन पूछे
बहुत कुछ कह जाती है
तेरी चाहत में ये आँखे
अपना दर्द बयां कर जाती है,
और... यादें आँसूं बनकर यूँ ही
बह जाती है,
सोचती हूँ... अगर आंसूँओं से मिट
जाती तेरी यादें,
तो जी भर के रो लेती ये आँखे
सोचती हूँ... भूल जाऊ तुझे
तेरी तस्वीर को मिटा दू इस दिल से
मगर जो साँसों में बसा हो
उसको भूलू कैसे
बिन तेरी यादों के जियूँ कैसे
मुद्दत हो गयी तेरी यादों में जागते हुए
आँखों में बसे हो तुम तो मैं सोऊँ कैसे
एक बार आ जाओ हकीकत बनकर
कर लूँ मैं तुझसे बेइंतेहा मुहब्बत
और सो जाऊ तेरे दामन में हमेशा के लिए....!