तेरा मेरा रिश्ता ऐसा है
जैसे की फ़ूलो का खुशबू से
वैसे ही बनकर सुगंध तू
मेरी साँसों में बिखर जाता है ,
तेरा मेरा रिश्ता ऐसा है
जैसे की रात और चाँद का
बनकर चांदनी तू मेरे अँधेरे
जीवन को रोशन कर जाता है,
तेरा मेरा रिश्ता है ऐसा
जैसे की पत्तो का औंस की बूंदो से
जो सूरज के आते ही उसके
आगोश में सो जाते है,
तेरा मेरा रिश्ता है ऐसा
जैसे की ख़्वाब का आँखों से
आँखे मूंदते ही तू ख्वाबों
में मेरी बस जाता है,
तेरा मेरा रिश्ता है ऐसा
जैसे की दिल का धड़कन से
साँसों से उतर कर दिल में
तू धड़कता रहता है....|
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