कुछ
दुख
से
भरे
कुछ
दर्द
से
भरे
तकलीफों के
साथ
रुके
रहते
है
एक
पोर
आंखो
के
कोने
में
छुपे
रहते
है
बहुत
तकलीफ
होती
है
जब
वो
बहते
बहते
रुक
जाते
है
और
वही
पर
सुख
जाते
है
गर
कह
पाती
मैं
दिल
की
बात
तो
वो
भी
आंखो
से
बह
जाते
कुछ
दर्द
तो
कम
हो
जाते
रो
लेती
जी
भर
के
तो
आंसू
भी
सुकून
से
रह
पाते
।।
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