शुक्रवार, 24 नवंबर 2023
अभी अमावस है ....
माना अभी अमावस है
अंधेरा है उदासी है
मगर तुम तो मेरे चांद हो
तुम्हे तो आना ही होगा
तुम्हारी पहचान ही
रोशनी है तुम्हारा होना ही
चांदनी है
तुमसे ही पूर्णिमा है
और मेरा जीवन भी
तुमसे ही पूर्ण होता है
तुम्हे तो आना ही होगा ...
यादें बहुत तंग करती है मुझे
खालीपन बहुत रुलाता है
सब आस पास है फिर
अकेलापन बहुत सताता है
कहना है बहुत कुछ तुमसे
बहुत कुछ बताना है इसलिए
तुम्हे तो आना ही होगा
...
टूट चुकी हूं भीतर से
खो चुकी हूं खुद को
तेरे आने की आस में
तेरे इंतजार में बस
एक मुलाकात के लिए
तुम्हे तो आना ही होगा ....
खत्म कर दो अब
अमावस को
बिखर जाओ बन कर
रोशनी पूर्ण हो जाऊं मैं
खो जाऊं तेरी चांदनी ने
भरने मुझे अपनी बाहों में
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