प्रेम में होता है एहसास
जज्बात खयाल ख्वाब
सब प्रेम की शाखाएं
होती है जो जोड़ती
है एक दुसरे को
प्रेम में नही होती तो
सिर्फ जड़ें बिना जड़
का प्रेम कहा टिकता है
वो इतनी कमज़ोर होती
है कि एक बार मे टूट जाती है
और टूटने के साथ
हमे दे जाती है
गम के ढेर आँसू की धार
जागती राते तन्हा दिन
अकेला पन उदास राहे
इंतज़ार के पल
लौटने की उम्मीद
जो जड़ो से नही
शाखाओं से होती है
क्योकि ...
प्रेम की शाखाएं तो है
मगर जड़ नही ।।
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