आज भी तुम अक्सर मेरी आँखों से छलक जाते हो
और मैं तुम्हे समेटने की कोशिश करती हूँ पर
तूम आँखों से निकल कर गालो के रस्ते खुद ही
समां जाते हो वापस मेरे अंदर.....|
आज भी तुम हर बारिश में पानी की बूँदों से
मेरी खिड़कियों पर अपना अक्श बनाते हो
और मैं तुम्हे जब तक महसूस करती हूँ
तब तक तुम हो जाते हो मेरी आँखों से ओझल .... |
आज भी तुम रोज मेरी ख्वाबो में आते हो
अपने होने का एहसास करा जाते हो
सोचती हूँ सोती रहूँ मैं आँखे न खोलू
पर आँखे खोलते ही तुम दूर चले जाते हो.....|
आज भी तुम हो तो मैं हूँ तुम्हारी यादे है
तो मेरी साँसे है मेरी धड़कन है
भले ही बदल गया सबकुछ
मगर मेरी आँखों में तुम ही नजर आते हो ....|
आज भी अपने दिल की चाहतो के साये में
तेरी उम्मीद के दियो को जला रखा है
आज भी आती है दिल से आवाज
तुम थे, तुम ही हो, तुम ही रहोगे
कसक बनकर नहीं.... बनकर
मेरा प्यार महकते रहोगे मेरी साँसों में....|
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