तेरा मेरा रिश्ता है ये,
इसको कोई नाम न दो...|
हर आहट पर लगता तुम हो,
मेरी हर धड़कन में तुम हो ,
इंतज़ार में काट रही हूँ.....
जीवन मेरे प्राण तुम्ही हो...|
रिश्ते- नातो की शान तुम्ही हो
बाकि सब कुछ कपास से भी हल्के है,
इनमे क्या कुछ गहराई है
नहीं -नहीं है बिलकुल उथले ..|
निश्चित ही है बिलकुल मेरा
तुमसे प्रेम, सिर्फ निस्वार्थ प्रेम,
नैन मूँद कर, तेरी छवि से
पूछा करती हूँ कुशल क्षेम ...|
इस अनाम सम्बन्ध को
भला कोई संज्ञा क्या दोगे,
प्रेम डोर में बंधे हुए हम
क्या तुम इसको तोड़ सकोगे ....|
जो कुछ है सब कुछ
ऐसे ही रहने दो...
कोई भी इल्जाम न दो,
ये रिश्ता यूँ ही रहने दो
इसको कोई नाम न दो....|
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