बाटी थी तुमसे जब
अपनी चाय आधी
बांट लिया था तब
मैंने तुमसे अपनी
आधी जिंदगी
आधा गम
आधी खुशी
आधा दर्द
आधी हसीं
सब कुछ बाँट लिया था
आधा - आधा
बांट लिया था
तेरे आधे एहसास को
तेरे आधे जज्बात को
मगर पता नही था
चले जाओगे तुम
छोड़ कर मुझे
आधा - अधूरा
बिखर कर रह जाऊंगी मैं
उस प्लेट में बिखरी चाय
की तरह ।।
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