कब सोचा था तुमसे मिलूंगी
बाते चलेंगी एहसास जागेंगे
धड़कने साथ धड़केंगी
रहते दूर हो पर लगता कहा है
बिन कहे सब समझते हो
सांसो को भी गिन लेते हो
फिर दूरी कहा है... ।
सोचती हूं तुम तो सबसे
करीब हो मेरे दिल के
मेरे मन के
तुमसे जुड़ा एहसास
दूर रहकर निभाना कहा हैं आसान
मगर देखो निभ रहा है
कभी लड़ते हो कभी गुस्सा होते हो
फिर भी मांन जाते हो एक पल में
फिर दूरी कहा है ...।
बस कभी लगता है कि पास
होते तो कभी साथ चल लेते हम भी
दो कदम कही मिल ढलते सुरज के साथ
कुछ पल जी लेते एक दूसरे के साथ
पर दूर हो मगर हर पल साथ हो
दिल के पास रूह में समाए हुए
सांसो में महकते हो दिल मे धड़कते हो
फिर दूरी कहा है ...।
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