पलको पर शाम सजाई है
तेरे आने की खबर जो आयी है
उम्मीदों के चूल्हे पर चाय चढ़ाई है
दिल में गूँज रही शहनाई है
तेरी राह में पलके बिछाई है
सुकून के पल चुरा कर
तुझे संग बिताने की ख्वाब सजाई है
तुम अपनी चिंताओं को छोड़ आना
बेफिक्री को साथ लाना
दुख और गम को भूल जाना
कही से हँसी चुरा लाना
कुछ पल मेरे पास है
कुछ पल तुम लेकर आना
बैठेंगे साथ जियेंगे कुछ हंसी पल
दो प्याली चाय के साथ
बांट लेंगे कुछ खुशिया अपनी
पी लेंगे दुख अपने चाय के साथ
भले ही कुछ पल के लिए आना
मगर आना जरूर, सुनो
भूलना मत आना जरूर ।
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