तुमसे प्रेम है
अगर ये कहूं तो
ये शब्द है ...
शब्दो से मैं कैसे
बयां करु अपने प्रेम को
जो सांसे
से चल रही है ना
वो तुम्हारे लिए है
आंखो में जो ख्वाब है
वो तुम्हारे है
मैं कुछ कहूंगी नही तुमसे
बस जब भी मिलना
पढ़ लेना मेरी आंखो को
सुन लेना मेरी धड़कनों को
और समझ जाना की
प्रेम को शब्दों में
बयां करना आसान नहीं ।।
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