क्या कहूं तुमसे अपनी व्यथा
एक छोटी सी ही तो है कथा
मैं से मैं पर शुरू होकर हम
बनी और मैं से मैं और
तुम से तुम पर आकर
समाप्त ....
कथा जारी है मिलने से बिछड़ने
तक की कहानी लेकर
ना जाने कितने दिन या साल
और जायेंगे तुम्हे भूलने में
या शायद हम खुद मिट जाए
तुम्हे भूलाने में ...
संभव नही की दुबारा मिलना हो
गर मिल भी जाए तो क्या
फिर बिछड़ जायेंगे एक नई
कहानी के साथ
फिर क्या ....
दिल में एक टीस उठेगी
आंसुओ की धार बहेगी
एक दूसरे को अलविदा कह
फिर से मिलने की दुआ करेंगे
सिलसिला जारी रहेगा
अंतिम सांस तक ...।।
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