मंगलवार, 4 अक्तूबर 2016

तुम मेरे हो .....

तुम मेरे हो....... 
 

आज भी तन्हाइयों मे अक्सर तुम्हारी याद आती है , आँसू नहीं दिखते है पर दिल बहुत रोता है|

आज जीवन मे कही  कोई कमी सी लगती है कुछ खालीपन सा लगता है , कहा हो , कैसे हो कुछ तो बता दो ,वादा है मेरा तुमसे मिलने नहीं आऊँगी बस अपना पता दो ।

आज भी दिल के एक कोने मे तुम हो तुम्हारी यादे  है, तुम्हारी बाते है, तुम्हारा एहसास है,  

कुछ टूटे हुये सपने है, कुछ टूटे हुये वादे है, तुम्हारे न होने  का एहसास है........फिर भी लगता है तुम यही कही आस – पास हो ....?

 आज भी मेरे सपने मे  तुम चपके से आकर मुझे जगा  जाते हो, अपने होने का एहसास करा जाते हो ...कुछ कीमती पल साथ बिता जाते हो |

ढुढ़ती हु वही सपनों का पल हकीकत मे चाहती हु तुमको महसूस  करना , तुमसे बात करना अपने सपने को सच करना, वादो को पूरा करना ...........पर यकी है तुम कही नहीं हो ....कही नहीं हो .....

तुम हकीकत मे रहो या न रहो मेरे लिए यही काफी है की मेरे सपनो  मे तुम सिर्फ मेरे हो...सिर्फ मेरे हो