बुधवार, 28 मार्च 2018

यादों की गलियों





यादों की गलियों में जाकर देखा..... 
          कुछ मिला तेरी यादो के सिवा |

दिल के झरोखो में झांक कर देखा ....
         कुछ मिला तेरी चाहतो के सिवा |

मन के बाग़ों में भी   देखा वहाँ भी ......
        कुछ मिला तेरी खुश्बू के सिवा |

जहाँ बिछड़े थे हम उन राहो  को देखा..... 
       कुछ मिला तेरे कदमों के निसा के सिवा |

ढूंढती रही मै अपने अंदर खुद को..... 
      मुझे तू ही मिला मेरे अंदर मेरे सिवा |

आँखे बंद करके सपनो में देखा.... 
     वहाँ   भी कुछ मिला तेरे ख्वाबों के सिवा |

मेरे अंदर ये तेरा वजूद है या ... 
     तेरी चाहत का असर ....

 मेरे पास कुछ भी नहीं है ....
     एक तेरी मुहब्बत के सिवा |

दूर हो गए तुम मुझसे पर... 
   दूर ना  हो पाया मुझसे तेरा एहसास,

और.... 

   मेरे पास कुछ भी नहीं तेरे एहसास के सिवा.....   


मंगलवार, 27 मार्च 2018

किसने बांध रखा है









किसने बांध रखा है बंधन मे...

मन कहता है नील गगन मे |

उड़ जाऊ मै पंछी बनकर...

दूर - दूर तक पंख पसारे |

उड़ती जाऊ बादल बन कर...

मै असीम बन जाऊ साथी |

ऐसी अभिलाषा  है मन मे...

माया का है जाल  तोड़ना...

लोभ मोह से भी बचना है |

जड़ता छूटे, शुद्ध चेतना....

साथी पथ पर चलना है |

सत्य सदा अपनाना होगा ...

स्वाश- स्वाश मे धड़कन मे....

किसने  बांध रखा है..... 



रविवार, 25 मार्च 2018

कितनी राते बीत गयी





तुमसे जुदा हुये मन मीत

कितनी राते बीत गयी....

पथ मे तेरे आँख पसारे

कितनी राते बीत गयी....

वक्त भले ही गुजरा हो

 तस्वीरों पर  कोई धूल नहीं है...|

यादें अब भी ताजा है...

दिल मे अब भी प्रीत वही हैं....

पलको पर मोती उलझाएँ...

कितनी राते बीत गयी....

किस्मत मेरी ऐसी रूठी....

वादे टूटे, कसमें झूठी....

मुझसे कितने दूर गए तुम....

पर, मिलने की आस न छूटी....

मन के महल मे दीप जलाए....

कितनी राते बीत गयी.....|