बुधवार, 31 अगस्त 2022

कुछ पल ....

 


ठहरो तो कुछ पल 

वक्त का क्या वो 

तो चलता रहेगा 

रुकना तुम्हे है 

ठहरना तुम्हे है 

अगर वक्त जाता है 

तो जाने दो मगर

तुम मत जाओ 

वक्त से मुक्त होकर 

तुम ठहर जाओ

 बस दो पल ...।।

खयाल बनकर .....

 




अक्सर खयाल बनकर 

आ जाते हो सिरहाने 

गहरी सांसो की 

खुशबू बनकर बस 

जाते हो धड़कन में 

आहट मुस्कुरा पड़ती है 

मन की चौखट को छूते ही 

थाम लो मुझे इस रात 

बनकर ख्वाब मेरे 

सो जाऊँ मैं उस 

ख्वाब में तुम्हारे संग 

और बस तुम्हारी हो जाऊं...।।

 

तुम्हारे प्रति.....

 




नहीं चाहती मैं साथ तुम्हारा 

बस समर्पित रहे प्यार मेरा 

तुम्हारे प्रति

नहीं मांगती मैं हाथ तुम्हारा 

बस अर्पित है प्यार मेरा 

तुम्हारे प्रति

नहीं चाहती मैं तबज़्ज़ो तुम्हारा 

बस मेरी आसक्ति हैं तुमसे 

तुम्हारे प्रति

मेरा कोई विचार भी नहीं है 

तुम्हे सम्पूर्ण प्राप्त करू 

नहीं चाहती कि  तुम भी मुझे चाहो 

बस मैं चाहती रहूँ 

तुम्हे सम्पूर्ण जीवन 

कभी तुम्हे फुर्सत हो तो 

आ जाना एक नजर 

प्यार की संजीवनी दे जाना 

जो काफी होगा एक उम्र 

जीने के लिए 

प्यार कोई 

अदला बदली का खेल नहीं 

जो मेरा नजरिया हो 

वही तुम्हारा भी ये जरुरी तो नहीं 

मैं तुम्हे बदलना नहीं चाहती 

तुम जो हो जैसे हो रहो 

नहीं चाहती मैं नाम तुम्हारा 

बस एक गुजारिश है 

की तुम प्रेम करो या  ना करो 

पर कभी नफरत भी  मत करना 

जानती हूँ मेरा वजूद 

शून्य  होगा तुम्हारे लिए 

मगर मेरे लिए तुम्हारा 

होना ही काफी है 

नहीं चाहती मैं नाम तुम्हारा 

बस करती रहूँ तेरी आराधना 

यही प्रेम की भक्ति है मेरी 

 तुम्हारे  प्रति  .. 

 

एक मुलाक़ात....कविताओं में


 

चलो एक मुलाक़ात रखते है 

कविताओं में 
तुम एहसास बन कर आना 
मैं तेरे एहसास को  
शब्दों  मे पिरो दूंगी 
अपने शब्दो के साथ 
प्यार की स्याही से मैं 
कुछ ग़ज़ल लिखूंगी 
कुछ तेरे प्यार के 
नगमे लिखूंगी 
एक एक लफ़्ज़ों को 
प्यार के धागे में पिरोकर 
कोरे कागज को 
सजा दूंगी 
तुम पढ़ना और समझना 
मेरे जज्बातों को 
मेरी कविताओं में 
महसूस गर कर सको 
तो करना
मेरी मुहबबत को
मेरी असीम चाहत को 
समझना मेरी खामोश 
जुबां की दास्तां को 
जो भी लिखूंगी 
बस तुमको ही लिखूंगी 
एक एक हर्फ़ 
तुम पर ही वारूँगी
मेरे हर शब्दो मे बस 
तुम्ही होंगे और होगा 
सिर्फ तुम्हारा प्यार ।।