शनिवार, 20 मार्च 2021

धुंधली सी यादे .......




 कुछ धुंधली सी यादे

कुछ धुंधले से ख्याल 
खोया सा तुम्हारा प्यार 
हवा में फैली हुई हलकी सी चाहत 
खामोशियों में डूबी एक शाम \
खामोश तुम .. पर 
तेरे  एहसासो के शोर में 
मेरे मचलते जज्बात 
एक मिलन की चाहत 
तेरी  हो जाने की आस 

सोमवार, 15 मार्च 2021

तुम मेरे ही रहो ..



 उलझा कर रखा है

तुमने और जिन्दगी  ने 
कौन हो तुम, क्या हूँ  मैं 
तुम्हारे लिए .... 
जब जब पूछा , उलझा दिया 
तुमने अपने ही सवालो में 
लगता है यूं कि कोई मायने 
 नहीं रखता मेरा कोई भी सवाल 
मेरा वजूद, मेरे होने का मतलब 
इसीलिए नहीं देना चाहते 
तुम कोई जवाब मेरे सवालो का 
मुझे  पता है कोई अधिकार नहीं 
मेरा तुम पर आज भी अजनबी हूँ मैं 
तुम्हारे लिए, मैं भी नहीं चाहती 
तुम्हे बांधना किसी  भी बंधन में 
बस चाहती हूँ एक ऐसा रिश्ता 
जो मोहताज न किसी बंधन का 
जहा कोई ग़लतफ़हमी ना हो 
जहा कोई उमींद ना हो 
और ना हो कोई इंतज़ार 
ना तो मैं तुमसे कुछ पुछु 
ना तुम्हारे पास हो कोई सवाल 
बस चाहती हूँ की तुम रहो 
मेरे एहसास बन कर 
मेरे जज्बात बन कर 
तुम मुझे जवाब दो या ना दो 
तुम मेरे ना होकर भी 
बस  तुम  मेरे ही रहो ..|