सोमवार, 15 अप्रैल 2019

मेरी शुभकामना







आज सुबह का सूरज देखो, 
कैसे चमका अम्बर में | 
पंछी के कंठो से फूटा, 
स्वर -संगीत डगर -डगर में || 

कुछ नया -नया सा उतरा है, 
धरती पर चलो करे स्वागत |  
कलियाँ चटकी हर फूल हँसा, 
दिनकर ने डाला रोली-अक्षत || 

क्या खोया क्या पाया हमने, 
जीवन कोई व्यापार नहीं है |  
आज जिए, आज हँसे, और झूमे,
कल का कोई आधार नहीं है || 

दृष्टि अगर हम बदले तो, 
सब सूंदर है, सब पावन है | 
दुःख की बदली तो कही नहीं, 
मस्ती में झूमता सावन है || 

सब साथ चले जीवन पथ पर, 
ऐसी हो सबकी भावना | 
सुख, शांति मिले समृद्धि कीर्ति, 
यही है मेरी शुभकामना ||  

रविवार, 14 अप्रैल 2019

यही प्यार है....






क्या यही  प्यार है.... 
 
किसी के दिल में बस जाना 
किसी  के करीब आ जाना 

उसको अपना बना लेना 
उसका भरोसा जीत पाना 

अपना हमराही बनाकर 
उसका हमराज बन जाना 

उसका सहारा बनकर 
खुद के लिए सहारा मांग लेना 

उसे अपनी  ताकत बनाकर 
उसकी कमजोरी बन जाना 

अपनी ख़ुशी बाँट  कर 
उसका दर्द समझ जाना 

उसके आँसू लेकर, उसको 
मुस्कराहट दे देना,
  
अपनी नींद देकर उसकी 
ख्वाबों में बस जाना 
हाँ यही प्यार है, सिर्फ यही प्यार हैं...|    

गुरुवार, 4 अप्रैल 2019

तुझे पाने की .....







तुझे पाने की चाहत कभी थी 
मगर खोना भी नहीं चाहते थे हम,

पास आने की नियत कभी नहीं थी पर 
दूर भी नहीं जाना चाहते थे हम,

दिल में बसाकर चाहा था तुम्हे 
अपनी चाहत बनाना चाहते थे हम,

ख्वाब बनाकर रखा था आँखों में 
तुझे  ही देखना चाहते थे हम,

दिल की धड़कन बन गए थे तुम 
तुम में ही धड़कना चाहते थे हम,

साँसों में बसाकर तुझे तुझमे ही 
महकना चाहते थे हम, 
तुझे पाने की ..... 


क्या करुँ ...








बनकर मेरी धड़कन तुम दिल में धड़कते रहते हो 
समझ नहीं आता की तुम्हे दिल में रखूँ या निकाल दूँ,

परछाइयाँ है तेरी ये इज़हारे मुहब्बत की 
समझ नहीं आता की इन्हे थामू या जाने दूँ,

मेरी ख्वाबो में बस जाए तू ये चाहत थी मेरी 
समझ नहीं आता कि तेरा  ख़्वाब  देखू या छोड़ दू ,

हर तरफ लिखूं  नज्म तेरे प्यार की यही तमन्ना थी मेरी 
समझ नहीं आता कि नज़्म  लिखुँ या मिटा दूँ,

हर पल इंतज़ार रहता है तेरा सिर्फ तेरा 
समझ नहीं आता कि बाजी जीतू या हार दूँ ....|

मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

चाहत





पलके बिछ जाएँगी तेरी राह में 
तुम बस अपने आने की खबर तो दो 

इन नजरो की इनायत होगी तुम पर 
बस अपनी एक नजर तो दो 

तेरी साँसों में बस जाएगी मेरी धड़कन 
एक बार इस दिल को धड़कने तो दो 

नींद तेरी होगी ख्वाब मेरे बस एक बार 
अपनी आँखों में बसने तो दो 

तेरी ख़ामोशी बन जाएगी मेरे लब्ज़ 
बस इज़हारे मुहब्बत करने तो दो 

छलक  उठूंगी तेरे होठो पर  बनकर मुस्कराहट 
एक बार अपने होठो पर बिखरने तो दो 

हर तरफ होगी मेरे प्यार की खुशबू 
बस एक बार मुझे महकने तो दो