गुरुवार, 17 सितंबर 2020

फिर चलो....

 


तुमने कहा तुम अकेले हो 

तो हम भी तो तनहा है 

फिर चलो.... 

पहले जैसे  आज भी मिलते हैं  

एक दूसरे का हाल पूछते है 

कुछ तुम कहो कुछ मैं 

बयां करे  अपने दिल का हाल 

करे एक दूसरे का पहले जैसा  ख्याल 

मुस्करा उठेंगे लव भी हमारे 

खिल उठेंगे दिल भी हमारे  

जी लेंगे हम दोनों फिर से एक लम्हा 

दूर चली जाएगी तन्हाई 

गम को छोड़ो दूरियों को हटा दो 

पास बैठो दो पल                 

उस पल में जिंदगी बीता लो 

कोई शिकवा करो 

शिकायत 

हमारे दरमियाँ हो बस 

मुहब्बत ही मुहब्बत .... |

मैं बदल गयी हूँ ....


 


सब कहते हैं मैं पहले जैसी नहीं रही 

 कहते है की मैं बदल गयी हूँ 

सही कहते हैं सब 

हां सच में मैं बदल गयी हूँ 


 
मैं खामोश रहती हूँ क्योकि
 
अंदर बहुत शोर होता  हैं 

इसलिए मैं बदल गयी हूँ 



मैं मुस्कुराने  लगी हूँ क्योकि 

हसने का मन नहीं करता 

तभी मैं बदल गयी हूँ 


आँखे पथरा  गयी रो रो  कर
 
अब उनको और 

रुलाने का मन नहीं करता 

सच है कि  मैं बदल गयी हूँ 


मन नहीं करता की मैं बाते करू 

मन नहीं करता की.....  

मैं किसी से  मुलकाते करू 

किसी से बाते करू 

क्योंकि   मैं बदल गयी हूँ 


थक गयी हूँ  भीड़ से 

इस जीवन के भेड़चाल से 

सब कुछ छोड़कर 

खुद के साथ जीना सीख गयी हूँ 

इसलिए....हाँ इसीलिये  

 मैं बिलकुल  बदल गयी हूँ