मंगलवार, 29 मार्च 2022

तुम आना जब भी .....

 


सुनो...

 तुम आना जब भी  

कुछ रंगों को साथ 

लेकर आना 

लाल रंग खुशी से

गालो पर लगाना 

रंग हरा माथे पर 

मल देना 

पीले रंग को 

हाथों में भर देना 

रंग नीला लेकर 

मेरा दामन भर जाना 

रंग गुलाबी से 

मेरा आंगन भर देना 

रंग आसमानी सा खुला 

आकाश तुम लेकर आना 

मिलकर देखेंगे साथ में 

नारंगी रंग के ढलते 

सूरज को ...

पूरे हो जाएंगे 

 मेरे सात जनम 

 तुम्हारे सात 

रंगों के साथ ।।

रंगों जैसे एहसास तेरे ......

 



रंगों जैसे एहसास तेरे 

बिखरे ही सही पर 

पास है मेरे

निश्चल प्रेम के रंगों से 

सराबोर होकर 

रंग डालू तुझको खुद में

मुस्कुराते रहो तुम 

हर रंग में बस  प्रेम 

पाते रहो तुम 

भर देना  तुम भी 

मेरे ख्वाबो को 

कुछ नए रंगों से 

भीग जाऊँ मैं 

प्रेम के रंगों से 

ऐसे मुझको रंग जाना तुम ।।

अधूरे सपने .....

 


देखा था एक सपना  

पंख मिलेगा मेरे सपनों को 

मैं भी उडूंगी खुले आकाश में 

कभी बदलो से मिलूंगी 

कभी हवा को छू लूँगी

कभी तारो से बाते करूंगी

पल रहे थे सपने मेरे 

इंद्रधनुषी रंगों में 

पिरोया था मैने सपने को 

संग तुम्हारे प्यार के धागे में 

मगर देखो ना ..

वक्त बीता साथ छुटा 

सपने पीछे छूट गए 

कुछ ठहर गए 

कुछ बिखर गए 

कुछ अधूरे रह गए 

कुछ राह में खो गए 

कुछ मंजिल से पहले 

ही बिछड़ गए औऱ..

रह गयी मैं भी अधूरी 

अपने अधूरे सपनो की तरह ।।

 

 

 

 

 

कुछ सवाल.....


 

सोचु जब भी 

कुछ  सवाल उठ 

जाते है मन मे 

कितना बेबस है 

मेरा प्यार जो 

मिल नही सकता 

तरस जाती है 

आंखे देखने को 

उससे मिलने को 

दिल तरस जाता है 

वक्त की मजबूरियों 

में सब धरा रह जाता है 

जो कुछ भी नही 

मेरा वही सब कुछ 

बन जाता है 

टूट जाता है मन 

जब दर्द होता है 

आईना देखु तो 

आंखे बरस पड़ती है 

बस सब लाचार 

नजर आता है 

उसके करीब ना होने 

का कसक बहुत है 

फिर भी एक विश्वास 

है मिलने का उसके 

साथ जीने का 

जो सिर्फ मेरा होने 

का एहसास कराता है ...।

 

कभी टूट जाऊँ

 


कभी टूट जाऊँ 

तो संजो लेना मुझे 

कभी रूठ जाऊँ 

तो मना लेना मुझे 

भर आएं कभी 

आंखे मेरी         

तो हँसा देना मुझे 

बैठ कर बिताना 

कुछ पल मेरे साथ 

हमदम मेरे बस 

इतना करना कि       

गले से लगा लेना मुझे ।।

रविवार, 27 मार्च 2022

सब बदल गया .....


 



सब बदल गया 

ना तो तुझमे तुम रहे 

ना ही मुझमे मैं 

वक्त का दरिया 

तेरा तुम ले गया 

मेरा मैं ले गया 

बदल दिया हमने 

खुद को खुद की 

तलाश में मगर 

रह गए खाली हाथ 

सांसे वही, धड़कन वही 

मगर खो गया एहसास 

सपने वही आंखे वही 

मगर बदल गए ख्वाब 

तू खो गया तुझमे 

मैं खो गयी मुझमे 

तुम और मैं के 

सफर में हम तय 

न कर सके हम का 

फासला और 

तलाशते रहे सिर्फ 

मेरा मैं और तुम्हारा तुम ।।

 

 

 

 

 

तुम्हारा प्रेम ....


 



तुम्हारा प्रेम 

एक बूढ़े बरगद

की शाखा जो 

लिपटी हुई है 

मुझसे पूरी जड़ता 

के साथ उसकी जड़े 

जो पैठी है मेरी भीतर 

मैं खामोश खड़ी हूँ 

धरती की तरह 

तुम्हे शसक्त रखने 

के लिए ताकि 

तुम अडिग खड़े रहो 

और मैं मौन रहूँ 

तुम्हारी खुशी लिए ।।

टूट कर बिखर जाते है ...

 


खुद से नाराज 

अक्सर हम खुद 

से ही रूठ जाते है 

समझ नही आता 

किससे करे शिकायत 

तो खुद से ही           

शिकायत करते है 

अक्सर हम चुप हो जाते है 

कुछ बातों को 

दिल के एहसासों को 

किससे करे बयां 

 तो खुद से ही बतियाते है 

अक्सर हम जागते रह जाते है 

अपनी नींद अपने ख्वाब 

सब उजड़ जाते है 

तो खुद से ही आंसू बहाते है 

अक्सर जिंदगी कुछ 

बिखरी सी हो जाती है 

कुछ टूटे सपने 

कुछ टुकड़े लम्हे 

खुद से ही जोड़ लाते है 

अक्सर हम टूट कर बिखर जाते है ...।