रविवार, 27 मार्च 2022

सब बदल गया .....


 



सब बदल गया 

ना तो तुझमे तुम रहे 

ना ही मुझमे मैं 

वक्त का दरिया 

तेरा तुम ले गया 

मेरा मैं ले गया 

बदल दिया हमने 

खुद को खुद की 

तलाश में मगर 

रह गए खाली हाथ 

सांसे वही, धड़कन वही 

मगर खो गया एहसास 

सपने वही आंखे वही 

मगर बदल गए ख्वाब 

तू खो गया तुझमे 

मैं खो गयी मुझमे 

तुम और मैं के 

सफर में हम तय 

न कर सके हम का 

फासला और 

तलाशते रहे सिर्फ 

मेरा मैं और तुम्हारा तुम ।।

 

 

 

 

 

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