मंगलवार, 29 मार्च 2022

कुछ सवाल.....


 

सोचु जब भी 

कुछ  सवाल उठ 

जाते है मन मे 

कितना बेबस है 

मेरा प्यार जो 

मिल नही सकता 

तरस जाती है 

आंखे देखने को 

उससे मिलने को 

दिल तरस जाता है 

वक्त की मजबूरियों 

में सब धरा रह जाता है 

जो कुछ भी नही 

मेरा वही सब कुछ 

बन जाता है 

टूट जाता है मन 

जब दर्द होता है 

आईना देखु तो 

आंखे बरस पड़ती है 

बस सब लाचार 

नजर आता है 

उसके करीब ना होने 

का कसक बहुत है 

फिर भी एक विश्वास 

है मिलने का उसके 

साथ जीने का 

जो सिर्फ मेरा होने 

का एहसास कराता है ...।

 

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