बुधवार, 27 अप्रैल 2022

तेरी बातें, मेरी बातें


 



तेरी बातेंमेरी बातें 

कितनी बातें  

बातें इधर की,बातें  उधर की 

कुछ काम की बातें 

कुछ बेकार की बातें 

रिश्तों की बातें  

नातो की बातें 

क्यों कभी खत्म 

नही होती ये दुनियां की बातें 

चलो ना एक दिन ठहर 

जाए इन बातों  की 

कश्तियों से उतर कर 

किनारों पर कहीं 

चैन से सुकून से 

बैठ जाए नरम घास 

पर जहा ख़ामोशी  हो 

चाँदनी रात हो 

भूल जाये कुछ पल 

के लिए दुनिया की बातें 

ओढ़ कर खामोशी को 

देखते रहे एक दूजे को 

समझते रहे एक दूसरे की

खामोश लफ़्ज़ों को

यू ही बेवजह, बेमतलब 

करते रहे हम सिर्फ अपनी बातें

ताकते रहे हम चाँद को 

गिनते रहे तारो को 

क्यों नही हो सकता 

की पकड़ एक दूसरे की 

उंगली को खो जाए 

हम एक दूसरे की 

नजरो में महसूस करे 

एक दूसरे की खामोशी को 

मेरे हर खामोश लफ्ज़ 

तुम्हारे मन की दीवार

तक छू जाए और

जब चमकने लगे 

आँखे  तुम्हारी 

इस खामोश मिलन से

फिर ऐसा हो कि  जहाँ 

कभी ना बिछड़े हम यहाँ 

ठहर जाये उन्ही 

किनारों पर छोड़ कर 

दुनिया जहान की बातें,

क्यों ना ऐसा फिर हो कि

थाम ले हम फिर से एक दूसरे 

की उंगलियों को 

जैसे थाम लेती है जिंदगी  

जिंदगी को..

 

एक और साल

 



मिलते बिछड़ते 

गिरते संभालते 
बीत गया 
एक और  साल ...
कुछ जखम 
उम्र भर को दे गया 
कुछ खुशियों से 
भर गया 
यू ही मुसकाते 
गाते बीत गया 
 एक और  साल ...
कही उजाड़ दी 
जिंदगी कई 
कही भर दी 
उमंग नई 
रोते बिलखते 
हस्ते मुस्कुराते 
बीत गया 
 एक और साल  ...
कुछ दर्द भी दे गया 
कुछ संगीत भी 
भर गया 
गाते गुनगुनाते 
 यूँ ही बीत 
गया एक और साल ..।
चाहो या ना चाहो 
फिर भी ये साल तो 
याद रहेगा 
जब याद आएगा 
अपनी कहानी कहेगा
वो मिलना वो बिछड़ना 
आंखों से नीर बनकर बहेगा 
यू ही रोते मुस्काते 
बीत गया एक और  साल ||

बुधवार, 6 अप्रैल 2022

प्रेम की शाखाएं.....


 


प्रेम में होता है एहसास 

जज्बात खयाल ख्वाब

सब प्रेम की शाखाएं 

होती है जो जोड़ती 

है एक दुसरे को 

प्रेम में नही होती तो 

सिर्फ जड़ें बिना जड़ 

का प्रेम कहा टिकता है 

वो इतनी कमज़ोर होती 

है कि एक बार मे टूट जाती है 

और टूटने के साथ 

हमे दे जाती है 

गम के ढेर आँसू की धार 

जागती राते तन्हा दिन 

अकेला पन उदास राहे 

इंतज़ार के पल 

लौटने की उम्मीद 

जो जड़ो से नही 

शाखाओं से होती है 

क्योकि ...

प्रेम की शाखाएं तो है 

मगर जड़ नही ।।

 

एक उम्मीद .....





एक उम्मीद अभी भी है 

एक एहसास अभी भी हैं

आज भी लगता है 

तेरे जाने के बाद भी 

कुछ तो बाकी है

मेरे अंदर जो एहसास 

दिलाती है तेरे वजूद को 

जो जोड़कर रखा है 

मुझे तुमसे तुमको मुझसे 

तुम चाहे जितना भी 

नाराज रहो दूर रहो 

पर कुछ तो है

जो आज भी है 

जिंदा वो तेरे मेरे 

प्यार का एक एहसास ।।

 


हर लम्हा ......


 



हर लम्हा तेरी 

याद में गुजरता है 

तेरा यूं चले जाना मुझे 

आज भी अखरता है 

कुछ दर्द सा सीने में 

हर वक्त पलता है 

हर पहर आंखों से 

आंसू बहता रहता है 

तुम नही हो आस पास 

मगर तेरा  एहसास 

मेरे पास ही रहता है ।।

 

 

Shyari....

 


वक्त के आगोश में पलटने लगी 

कुछ पुराने पन्नो को 

कुछ वहम था टूटते देर नही लगा 

हर तरफ तू ही नजर आया 

हर शब्द हर नज़्म में तू ही था 

हर अल्फ़ाज़ तुझसे ही निकले 

मेरी कहानी तुझसे ही थी ||




तुम्हारी खामोशी को 

हमने नाराजगी समझ लिया 

क्या पता था कि तुम्हे

दूर जाना था मुझसे ।।

 

बार बार धोते रहे हम आंसूओ से 

तेरी यादों को 

मगर क्या मजाल है जो 

थोड़ा भी रंग फीका पड़ा हो 

 

कल उसने इज़हारे इश्क़ 

इस तरह जताया 

बड़े प्यार से  अदरक वाली 

चाय बना कर लाया ।। 


स्वछंद उड़ना आकाश में 

फितरत थी उसकी,

क्या पता था डोर कटते ही 

वजूद खो जाएगा ।।

 

 

 

 

चलो टूटे लम्हो की मरम्मत कर लेते है 

जो फासला है दरम्यां वो कम कर लेते है ।

 

तुम्हारे आंगन में .....

 


कभी कभी यूँ ही बैठे बैठे 

मन पहुच जाता है तुम्हारे 

पास तुम्हारे दामन में 

तुम्हारे आंगन में 

कभी सोचती हूँ 

बन चिड़िया चहक 

उठती तेरे आंगन में 

कोई फूल बन 

महक उठती 

तेरे बगिया मे

सच पूछो तो 

हम जुदा ही नही हुए 

एक दूसरे से 

ना जाने कितने 

जाने अनजाने पल 

में यादें आती रहती हैं 

ना हम दूर हुए 

ना हमारा एहसास ...।।