शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

ये और बात हैं ....

 


ये और बात हैं .... 

 

बहुत मुश्किल है तुझे भूल जाना 

यादें कोई वक्त नहीं है जो गुजर जाए 

प्यार कोई शाम  नहीं जी ढल जाए 

तेरी आरज़ू है तुझसे मुहब्बत है 

तुम्हे मुझसे इश्क नहीं ये और बात है 

 

खामोश हूँ  मैं  फिर भी न जाने 

कितनी बाते हो जाती है मन में 

चाह कर भी नहीं बोल सकती  

समझ  कर भी नासमझ  हूँ मैं 

तुम  समझते नहीं ये और बात है 

 

कितनी  भी कोशिश करू मैं 

तुमसे  दूर जाने की उतना ही 

तुम्हे करीब महसूस  करती हूँ 

खुद को तुम्हारे करीब पाती हूँ 

तुम मेरे  पास नहीं ये और बात है  

 

तुम मिल जाओ ये जरुरी तो नहीं 

जिंदगी मुक्कमल हो जाए  मेरी  

ये जरुरी तो नहीं 

मेरी चाहत हो मेरी ख्वाहिश हो तुम 

 तुम्हारे लिए मैं  जरुरी नहीं 

ये और बात है 

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020



 

अधूरी चाहत 

 

चाहा जिसको बेपनाह 

 वो दूर हो गया 

 रह  गए मेरे ख्वाब अधूरे 

 चाहत भी रह  गयी अधूरी 


 तेरी यादो ने बहुत रुलाया  हैं 

 दूरियों ने बहुत तड़पाया है 

 मेरी चाहत तुम थे 

मेरी इबादत तुम थे 

फिर क्यों रह गयी मेरी इबाबत अधूरी 

 क्यूँ रह गयी  मेरी  चाहत अधूरी 

 

आज भी हैं आँखों में  ख्वाब तुम्हारे 

आज भी हैं  इंतज़ार तेरा

तुम दिल मेरा तुम धडकन मेरी 

सांस भी तुम ही थे 

फिर क्यूँ  रह गयी मेरी साँस अधूरी 

क्यूँ रह गयी मेरी  चाहत अधूरी 


तुम ही राह  मेरी तुम ही मंजिल मेरी 

बिछड़ गए क्यों रास्ते में फिर 

रह  गयी मेरी  राह  अधूरी 

और फिर रह गयी मेरी चाहत अधूरी 


 

 मेरी माँ 


जिंदगी की धुप में छाँव  का रूप है माँ 
धरा पर ईश्वर का स्वरुप है माँ 
हमारी जिंदगी की अभिलाषा है माँ 
हम एक शब्द तो पूरी भाषा है माँ 
बड़े जतन से  है  पालती है माँ 
हमारी हर मुश्किल हर लेती है माँ 
हमारे जीवन का  अभिमान है माँ 
संवेदना है भावना हैं एहसास है माँ 
फूलो की खुश्बूं का आभास है माँ 
त्याग है तपस्या है सेवा है माँ 
हम पूजा  की थाली तो मन्त्रों का  जाप है माँ 
माँ जैसा कोई नहीं 
सबसे प्यारी और न्यारी है माँ 
हमारी खुशियों की फुलवारी है माँ