शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

ये और बात हैं ....

 


ये और बात हैं .... 

 

बहुत मुश्किल है तुझे भूल जाना 

यादें कोई वक्त नहीं है जो गुजर जाए 

प्यार कोई शाम  नहीं जी ढल जाए 

तेरी आरज़ू है तुझसे मुहब्बत है 

तुम्हे मुझसे इश्क नहीं ये और बात है 

 

खामोश हूँ  मैं  फिर भी न जाने 

कितनी बाते हो जाती है मन में 

चाह कर भी नहीं बोल सकती  

समझ  कर भी नासमझ  हूँ मैं 

तुम  समझते नहीं ये और बात है 

 

कितनी  भी कोशिश करू मैं 

तुमसे  दूर जाने की उतना ही 

तुम्हे करीब महसूस  करती हूँ 

खुद को तुम्हारे करीब पाती हूँ 

तुम मेरे  पास नहीं ये और बात है  

 

तुम मिल जाओ ये जरुरी तो नहीं 

जिंदगी मुक्कमल हो जाए  मेरी  

ये जरुरी तो नहीं 

मेरी चाहत हो मेरी ख्वाहिश हो तुम 

 तुम्हारे लिए मैं  जरुरी नहीं 

ये और बात है 

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