बुधवार, 26 जून 2019

आज फिर....


आज फिर छलक गए आँसू मेरी आँखों से 
कुछ बूँदे तेरी यादो की 
कुछ बूंदे तेरी बातो की 
कुछ बूंदे तेरी चाहत की.....|  

आज फिर मेरी  सांसे तेज चलने लगी 
कुछ सांसे तेरे एहसास की  
कुछ सांसे तेरे प्यार की 
कुछ साँसे तेरे जज्बात की....|  

आज फिर मुझे मेरी ख्वाहिशे बोलने लगी 
कुछ ख्वाहिश तुझे पाने की 
कुछ ख्वाहिश तेरा हो जाने की 
कुछ ख्वाहिश तुझमे खो जाने की.....|  

आज फिर तेरी यादो ने दिल पर दस्तक दी 
कुछ यादे तेरी छुअन की 
कुछ यादे तेरी मिलन की 
कुछ यादें  तेरे  जुदा   होने की....|  

आज फिर मेरी तन्हाइयों ने मुझे जगाया 
कुछ तन्हा बीती हुई शामें  
कुछ तन्हा काटी  हुई राते 
कुछ तन्हा गुजारे  हुए पल...|  




बुधवार, 19 जून 2019

तेरा प्यार







हर तरफ सिर्फ तू है और तेरा प्यार
लाती हूँ जब भी तुझे खयालो में 
महसूस करती हूँ जब भी तुझे अपनी बाहों  में
सामने तू होता है और सिर्फ तू ही होता है
रहती है कुछ कश्मकश सी 
कैसे शुरू करू, कहा से शुरू करू
तुझसे बाते करू या तुझको देखूं 
देखूँ तेरी  आँखों को  जो सागर  है मेरे प्यार का
घुल  जाऊं  उसमे प्यार का एक बूँद बनकर  
या सिर्फ छू लूँ  तेरे चरणों  को जहां तर्पण है जान मेरी 
कर दू अपना सब कुछ अर्पण अपने प्रियतम को
हर सांस में बसा गया है तू इस क़द्र
कि खुद से भी तेरे हिस्से की ही बाते  करती हूँ 
तू दूर है फिर भी  हरदम मेरे पास है
तेरे प्यार का हर पल  एहसास है क्योकि...
हर तरफ  सिर्फ तू है और तेरा प्यार ......


तुम्हारे बग़ैर







जिंदगी थम सी गयी है तुम्हारे बगैर 
कदम कुछ रुक से गए है तुम्हारे बगैर 
देखे थे कुछ ख्वाब तुम्हारे साथ 
वो ख्वाब टुट से गए हैं तुम्हारे बगैर .....|   

जीने की चाह तुम थे मेरी राह तुम थे 
मगर उलझ गए रास्ते कुछ समझौतों के साथ 
रह गयी मैं  अधूरी तुम्हारे बगैर....|  

ना अपनी खबर है ना मंजिल का पता 
जाना है किस राह पर सूझता ही नहीं 
जीवन के चौराहे पर खड़ी हूँ तुम्हारे बग़ैर....|  


तुम्हारे वक्त के इंतज़ार में देख रही हूँ 
अपने वक्त को गुजरते हुए 
देख रही हूँ हाथ से सबकुछ फिसलते हुए 
रह गयी हूँ ख़ाली  हाथ तुम्हारे बगैर ....|  


एक उम्मीद का दिया जला कर रखा है 
तेज हवाओँ से उसको बचा कर रखा हैं 
समेट  लिया है सबकुछ तुम्हारा अपने मन में 
फिर भी डर है की जीवन मेरा 
बिखर जाए तुम्हारे बगैर ..... | 

मंगलवार, 4 जून 2019

कुछ मैं कहूँ .... कुछ तुम कहो






कुछ मैं कहूँ .... कुछ तुम कहो
तुमने मुझे अपना बनाया
मुझको  अपने  गले से लगाया
जिस सत्य से दूर थी मैं
उसको तुमने समझाया
चलो प्यार के सागर  में
कुछ तुम बहो  कुछ मैं बहु....| 

नयी गति मिल गयी

तुम क्या मिले मुझे
मुझको  जिंदगी मिल गयी
साँसों में बस कर अब धड़कन में
कुछ तुम रहो कुछ मैं रहूँ ...|  

बस जो  भी है उसको  थाम  लो

बरसे प्यार की बूँद हर तरफ
चलो अपने  प्यार  की माला को
कुछ तुम गहो  कुछ मैं गुहु...| 

 दिल की सुंदरता में 
इस रिश्ते को कोई नाम  दो

तुम ही मेरे मीत  हो तुम ही मेरे गीत हो
 नहीं पता मुझे क्या हार है क्या जीत है..  
बस जो भी मिले  उन सबसे मीत  है
सु हो या दुःख हो  चलो
कुछ तुम सहो कुछ मैं सहुँ...     


वक्त ठहर सा गया है






वक्त ठहर सा गया है बीत जाता तो अच्छा था 
तेरा दर्द आँखों से बह जाता तो अच्छा था 

एहसास रहता है दिल में  तेरी यादो का 
ये एहसास दिल से निकल जाता तो अच्छा था 

मेरी ख्वाबो में तू ही बसा रहता है 
तेरा ख्याल दिल से निकल जाता तो अच्छा था 

तो तुम मिलते हो ना ही दिल को सुकून 
ये बेकरारी दिल से निकल जाता तो अच्छा था 

दिल सोचता है तुम आओगे जरूर एक बार 
मेरा ये भ्रम टूट जाता तो अच्छा था