बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

जब भी अकेली होती हूँ ....





होती है शाम जब भी आ जाती है तेरी यादें 
मुझको रुला - रुला  जाती हैं तेरी यादें। ...... 
जब भी अकेली होती हूँ, याद आ जाती है तेरी यादें...
फिर वही बीती  बातों की  याद  दिला जाती तेरी यादें
कभी होठो पर मुस्कान बनकर, मुझको हँसा  जाती है तेरी यादें
तो कभी आँखों मे आँसू बनकर रुला जाती है तेरी यादें.....
सोचती हूँ कभी अगर बह सकती आसुओं से ये यादें ...
तो जी भर के रो लेती मैं ......और फिर कभी ना सताती मुझको
तेरी यादें........जब भी अकेली होती हूँ ....

बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

Yaad....







आज फिर से तेरी यादों ने मुझे रुलाया  है 
आज फिर से मुझे तेरी याद  आयी हैं 
हर तरफ ख़ामोशी है, उदासी है ...... 
आंसू है और सिर्फ तेरी याद है, 
दिल में एक कसक है...तुमसे मिलने  का 
आज फिर मेरे लब  खामोश है ,
आँखे भर आयी है क्योकि। ... 
आज फिर मुझे तेरी याद आयी है 
जाने क्यों आज भी मेरी धड़कनो में तू समाया है 
जाने क्यों आज भी तेरे नाम से ये दिल धड़कता है 
मालूम है मुझे तुम  कही नहीं हो फिर भी तेरा इंतजार है 
ये इंतज़ार कही ख़त्म हो जाए 
ये साँसे कही बंद हो जाए 
और ये प्यार रह जाये  इंतज़ार बन कर