रविवार, 24 फ़रवरी 2019

बहुत कुछ






कुछ ऐसे फस गए जिंदगी की क़शमक़श में
कहने को कुछ रहा सुनने को
रिश्तो की उलझन कुछ ऐसी गयी
सिमट कर रह गया सब कुछ पर 
बिखर भी गया बहुत कुछ 
सोचने का वक्त भी मिला
पर गुजर गया बहुत कुछकभी खयालो में दिन  गुजर जाते थे
आज एक लम्हा भी भारी  लगता है 
 और उजड़ गया तुम बिन बहुत कुछ
 करते रहे इन्तजार तुझे भूल जाने का
मगर तुम याद आते रहे और
भूल गया बहुत कुछ
राहो में तुझे ढूंढते रहे, तलाशते रहे
तू मिला ख़त्म हुई तेरी तलाश
पर  बिछड़ गया बहुत कुछ 


जितनी खूबसूरत है








जितनी  खूबसूरत है ये धरती ये आकाश
उतनी ही खूबसूरत हो तुम और तुम्हारी बातें
जितनी खूबसूरत है ये फूल और ये फिजाये
उतनी खूबसूरत  है तुम औरअदाएं  तुम्हारी
जितना निश्छल है इन नदियों का  पानी
उतनी निश्छल हो तुम, उतनी पवित्र हो तुम
पंछियो की चह चाहट हो तुम
बारिश की बूंदो की आहट हो तुम
सौंधी सौंधी सी मिटटी की  खुशबू हो तुम
पत्तो पर सिमटी औंस की बूँद हो तुम
बसंत ऋतू की बहार हो तुम
मेरा दिल मेरा संसार हो तुम
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया है तुझे
वो खूबसूरती वो मेरा प्यार हो तुम
 


जबसे तुम आ गये










बदल गया जीवन और मेरे जीने  का मतलब 
जबसे तुम आ गए .... 
सब कुछ बदल गया 
बदल गया दोस्ती और प्यार का मतलब 
जबसे तुम आ गए..... 
खुशिया दे रही है दस्तक 
बदल गया आसुओं का मतलब 
जबसे तुम आ गए.....  
बदल गयी है मेरी  किस्मत 
बदल  गया है मेरा वक्त 
जबसे तुम आ गए ... 
गुनगुना रही है मेरी हर शाम 
मुस्कुरा रही  है मेरी हर सुबह 
जबसे तुम आ गए