रविवार, 24 फ़रवरी 2019

जितनी खूबसूरत है








जितनी  खूबसूरत है ये धरती ये आकाश
उतनी ही खूबसूरत हो तुम और तुम्हारी बातें
जितनी खूबसूरत है ये फूल और ये फिजाये
उतनी खूबसूरत  है तुम औरअदाएं  तुम्हारी
जितना निश्छल है इन नदियों का  पानी
उतनी निश्छल हो तुम, उतनी पवित्र हो तुम
पंछियो की चह चाहट हो तुम
बारिश की बूंदो की आहट हो तुम
सौंधी सौंधी सी मिटटी की  खुशबू हो तुम
पत्तो पर सिमटी औंस की बूँद हो तुम
बसंत ऋतू की बहार हो तुम
मेरा दिल मेरा संसार हो तुम
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया है तुझे
वो खूबसूरती वो मेरा प्यार हो तुम
 


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