बुधवार, 31 जुलाई 2019

मैं खुद को....




जब भी डगमगाते है कदम मेरे 
मैं  खुद को संभाल  लेती हूँ 
गिरती हूँ संभलती हूँ 
फिर उठ कर चलती हूँ पर कभी भी 
मैं खुद को गिरने नहीं देती ....|  

जीत जाये चाहे कोई भी मुझसे कितना 
मैं खुद को कभी हारने नहीं देती 
ख़ामोशी भरी हुई है मुझमे 
मगर खुद से खुश होकर 
मैं खुद को कभी टूटने नहीं देती  ....| 

चाहे कोई कितना भी दिल दुखाये 
चाहे कोई कितना भी  ग़म दे जाए 
मैं  उससे थोड़ा फ़ासला  कर लेती हूँ 
पर मैं  खुद को मरने नहीं देती...|  

कभी कभी बहुत परेशान  होता है मन 
बेचैन  होता है, मेरा मन  मेरी एक भी नहीं सुनता 
तब मैं खुद से दूरी कर लेती हूँ 
पर मैं खुद को बिखरने  नहीं देती। ...|  

आते रहते है जीवन में उतार  और चढ़ाव 
छा जाती है हर तरफ उदासी 
हर तरफ अंधियारी फिर भी 
 मैं खुद को बुझने  नहीं देती ...| 

हर बार खुद को संभाल लेती हूँ 
मैं खुद को कभी गिरने नहीं देती ... |  


गुरुवार, 11 जुलाई 2019

हाँ मैं खामोश हूँ....




हाँ  मैं खामोश हूँ.... 
क्योकि  थक चुकी हूँ मैं दुनिया के इस भीड़ से 
इस दुनिया दारी से 
कुछ  समझदार रिश्तों से कुछ नासमझ रिश्तेदारी  से 
इस भागम भाग भरी  जिंदगी से 
इसीलिए मैं  खामोश हूँ.....  

सब भाग रहे है कहा भाग रहे है क्यों भाग रहे है 
कोई नहीं जनता कोई नहीं समझता 
और समझना भी नहीं चाहता 
बस भाग रहे है भागे जा रहे है 
इसलिए मैं खामोश हूँ... ... 

हर रिश्ते टूट रहे है एक दूसरे  से दूर हो रहे है 
सब कुछ है हमारे पास बस वक्त नहीं है 
किसी के पास किसी के  लिए 
रिश्तों में गाँठ पड़ती जा रही है 
जो खुल नहीं सकती बल्कि वक्त के साथ 
और मजबूत होती जा रही है,
इसलिए मैं खामोश हूँ.....  

हाँ  मैं खामोश हूँ..... और खामोश ही रहना चाहती हूँ 
क्योकि मैं  खुद के साथ जीना चाहती हूँ  
खुद से दोस्ती करना चाहती हूँ 
खुद से बाते करना चाहती हूँ 
खुद के साथ दो पल गुजरना चाहती हूँ 
इसीलिए मैं खामोश हूँ...| 

जैसा कोई नहीं रहता







तुम  रहते हो मेरे पास जैसा कोई नहीं रहता  
तुम बसे हो मेरे दिल में इस तरह जैसा कोई नहीं बसता, 

सुन सकती हूँ  मैं तेरी धड़कन बिन तेरे करीब आये 
महसूस कर सकती हूँ तुझको,  तुझे बिन छुए 
क्यों की तुम रहते ही मेरे पास जैसा कोई नहीं रहता ....|  

तू ही तू है मेरी दुआओं में 
तेरी मुहब्बत है मेरी ख्वाहिशों  में  
तेरे लब्ज़ कुछ नहीं कहते पर 
समझ सकती हूँ मैं तेरी ख़ामोशी 
क्योकि कहते हो तुम वो सब जो कोई नहीं कहता .....|  

पहली बारिश की  खुश्बू हो तुम 
जो बस चुका  हैं मेरे अंतर्मन में 
 बन  गया है वो सब कुछ मेरे जीवन में 
बरस जाओ तुम बस एक बार मैं 
भीग कर डूब जाऊ तेरे प्यार की बारिश में 
क्योकि हो जाना चाहती हूँ तुम्हारा जैसा कोई नहीं होता....|