गुरुवार, 3 नवंबर 2022

तेरी यादों से .....


 



दिल में तेरी यादों की 

रोशनी से ही रोशन है 

मेरा जीवन ...।

मद्धिम मद्धिम ही सही 

मगर इसी रोशनी से ही

रोशन है जहां मेरा 

तेरी पथ पर पलके बिछाए 

विरह में जलती मैं 

बाट निहारती मेंरी 

पथराई सी आंखे 

बस तेरी ही  अनुभूतियों को 

लगाकर हृदय से 

जी रही हूं मैं तेरे इंतज़ार में 

आस का दीपक जलाए  ।।

 

कितना विचलित है मन ......

 



कितना विचलित है मन 

किसको मैं  बतलाऊ ...।

 

मैं खुद को भूल गई 

ये किसको समझाऊं

मेरी नज़रे मुझसे ही 

मेरे मन की बाते छुपाती है 

राते भीगी भीगी सी 

आंखो में ही बीत जाती है

उन भीगे-भीगे लम्हों को

किसको मैं दिखलाऊं 

कितना विचलित है मन 

किसको मैं बतलाऊं ...।

 

लड़ती रहती हूं मन से 

रूठी रहती हूं खुद से 

छुपा आंसू मुस्कुराती हूं 

सबको खुश दिखलाती हूं

दिल से कैसे मैं मुस्कुराऊं 

कितना विचलित है 

किसको मैं बतलाऊं ,....

 

कहती हूं हर पल 

सबसे समझाती हूं

सबको हर पल 

जो है ठीक है

जैसा है ठीक है 

वक्त बीत रहा है 

समय गुजर रहा हैं

खुद को कैसे समझाऊं

कितना विचलित है मन

किसको मैं बतलाऊँ  ,....

 

रिश्तों से समझौता 

ख्वाबों से समझौता 

वक्त से समझौता 

हालात से समझौता 

जीवन एक समझौता है 

या समझौता एक जीवन 

अब मैं भी ये  समझ ना पाऊं

कितना विचलित है मन 

किसको मैं बतलाऊं..... ।।

 

गूंज उठा मन संगीत से .....

 




पहना था जब 

अलंकार तेरे प्यार का 

गूंज उठा मन संगीत से 

पाकर तेरा प्यार बांध गई 

जब तुझासे 

जन्म जन्म का था ये 

रिश्ता पल दो पल

 की बात नही थी k

किया था समर्पण 

पूरे अंतर्मन से 

मन में थी व्यथा 

मिलने की चाहत 

 चुभ रहा था कांटा कोई

विरह वेदना का 

साथ चल नही सकते 

ना ही कोई आश थी 

तुझको पाने की ना ही कोई चाह थी 

आवश्यकता नहीं में तूझसे

बांध जाऊं 

मोहताज नहीं मैं की जुड 

जाऊं तेरे नाम से

तुझमें खोकर ही खो

पा लूं बस तेरी ही होकर रह जाऊं ।।

 

सजाई है दीपावली......

 





सजाई है दीपावली...... 

तेरे नाम की 
तेरे प्यार की 
कुछ मेरे अरमानों के
कुछ तेरे एहसासों के
दिए जल रहे है 
एक दिया तेरे पहले 
मिलन  के यादों का 
जल रहा है 
एक दिया तेरे 
प्यार का  जो 
हर पल  मेरे पथ 
को रोशन कर रहा है 
एक दिया तेरे 
ख्यालो का जो 
बस कर मेरी सांसों में
मुझे सांसे  दे जाता है
एक दिया तेरे 
बातों का जो मेरे 
चहरे पर मुस्कान 
बिखेर जाता है 
एक दिया तेरे चंचल 
नैनो के नाम जो 
मुझे चंचल कर जाता है 
एक दिया तेरे प्यार में
 मेरे इंतजार का 
जो जलता रहेगा 
मेरे अंत तक 
अनंत तक ।।

बुधवार, 31 अगस्त 2022

कुछ पल ....

 


ठहरो तो कुछ पल 

वक्त का क्या वो 

तो चलता रहेगा 

रुकना तुम्हे है 

ठहरना तुम्हे है 

अगर वक्त जाता है 

तो जाने दो मगर

तुम मत जाओ 

वक्त से मुक्त होकर 

तुम ठहर जाओ

 बस दो पल ...।।

खयाल बनकर .....

 




अक्सर खयाल बनकर 

आ जाते हो सिरहाने 

गहरी सांसो की 

खुशबू बनकर बस 

जाते हो धड़कन में 

आहट मुस्कुरा पड़ती है 

मन की चौखट को छूते ही 

थाम लो मुझे इस रात 

बनकर ख्वाब मेरे 

सो जाऊँ मैं उस 

ख्वाब में तुम्हारे संग 

और बस तुम्हारी हो जाऊं...।।

 

तुम्हारे प्रति.....

 




नहीं चाहती मैं साथ तुम्हारा 

बस समर्पित रहे प्यार मेरा 

तुम्हारे प्रति

नहीं मांगती मैं हाथ तुम्हारा 

बस अर्पित है प्यार मेरा 

तुम्हारे प्रति

नहीं चाहती मैं तबज़्ज़ो तुम्हारा 

बस मेरी आसक्ति हैं तुमसे 

तुम्हारे प्रति

मेरा कोई विचार भी नहीं है 

तुम्हे सम्पूर्ण प्राप्त करू 

नहीं चाहती कि  तुम भी मुझे चाहो 

बस मैं चाहती रहूँ 

तुम्हे सम्पूर्ण जीवन 

कभी तुम्हे फुर्सत हो तो 

आ जाना एक नजर 

प्यार की संजीवनी दे जाना 

जो काफी होगा एक उम्र 

जीने के लिए 

प्यार कोई 

अदला बदली का खेल नहीं 

जो मेरा नजरिया हो 

वही तुम्हारा भी ये जरुरी तो नहीं 

मैं तुम्हे बदलना नहीं चाहती 

तुम जो हो जैसे हो रहो 

नहीं चाहती मैं नाम तुम्हारा 

बस एक गुजारिश है 

की तुम प्रेम करो या  ना करो 

पर कभी नफरत भी  मत करना 

जानती हूँ मेरा वजूद 

शून्य  होगा तुम्हारे लिए 

मगर मेरे लिए तुम्हारा 

होना ही काफी है 

नहीं चाहती मैं नाम तुम्हारा 

बस करती रहूँ तेरी आराधना 

यही प्रेम की भक्ति है मेरी 

 तुम्हारे  प्रति  ..