मंगलवार, 29 मार्च 2022

रंगों जैसे एहसास तेरे ......

 



रंगों जैसे एहसास तेरे 

बिखरे ही सही पर 

पास है मेरे

निश्चल प्रेम के रंगों से 

सराबोर होकर 

रंग डालू तुझको खुद में

मुस्कुराते रहो तुम 

हर रंग में बस  प्रेम 

पाते रहो तुम 

भर देना  तुम भी 

मेरे ख्वाबो को 

कुछ नए रंगों से 

भीग जाऊँ मैं 

प्रेम के रंगों से 

ऐसे मुझको रंग जाना तुम ।।

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