बुधवार, 31 अगस्त 2022

एक मुलाक़ात....कविताओं में


 

चलो एक मुलाक़ात रखते है 

कविताओं में 
तुम एहसास बन कर आना 
मैं तेरे एहसास को  
शब्दों  मे पिरो दूंगी 
अपने शब्दो के साथ 
प्यार की स्याही से मैं 
कुछ ग़ज़ल लिखूंगी 
कुछ तेरे प्यार के 
नगमे लिखूंगी 
एक एक लफ़्ज़ों को 
प्यार के धागे में पिरोकर 
कोरे कागज को 
सजा दूंगी 
तुम पढ़ना और समझना 
मेरे जज्बातों को 
मेरी कविताओं में 
महसूस गर कर सको 
तो करना
मेरी मुहबबत को
मेरी असीम चाहत को 
समझना मेरी खामोश 
जुबां की दास्तां को 
जो भी लिखूंगी 
बस तुमको ही लिखूंगी 
एक एक हर्फ़ 
तुम पर ही वारूँगी
मेरे हर शब्दो मे बस 
तुम्ही होंगे और होगा 
सिर्फ तुम्हारा प्यार ।। 

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