शुक्रवार, 4 मार्च 2016

तुम बदले........|

                                        तुम बदले...............


तुम बदले सम्बोधन बदला, लेकिन मन की बात वही है |

जाने क्यो मौसम के पीछे, दिन बदले पर रात वही है |
तन की त्रिस्ना झुलस कर सोई ,मन मे झंझावात वही है |

तुम बदले सम्बोधन बदला, लेकिन मन मे बात वही है |

रिश्ते वही है नाते वही है ,लेकिन वो जज़्बात नहीं है |
सपने वही है ,लेकिन उनमे वो बात नहीं है |  
  
तुम बदले सम्बोधन  बदला, लेकिन मन मे बात वही है

                                        

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