बुधवार, 11 अक्तूबर 2017

जिंदगी का सफर.....





 ये जिंदगी का सफर कुछ अजीब है…..  

हर पल लगता है की मंजिल अपने कितनी करीब है |

पर देखो तो सब कुछ बहुत  अजीब है….

कभी आंखो मे आँसू आते है तो कभी लबो पे हंसी

जीवन का  हर लम्हा ही कुछ अजीब है ….

इस सफर मे कुछ रिश्ते टूट जाते है,

तो कुछ रिश्ते जुड़ भी जाते है,

कुछ अपने बेगाने हो जाते है तो......

कोई बेगाना अपना हो जाता है,

इसका हर लम्हा ही कुछ अजीब सा है....

कुछ यादें इन लम्हो मे खो जाती है,

कुछ लम्हे यादें बन कर रह जाती है...

कुछ सवाल बन जाते है किसी के जवाब में,

कुछ जवाब उलझ  जाते है किसी के सवालो में....

इसका हर सवाल ही अजीब सा हैं ...

ये सफर कहा खतम हो कौन जानता है..

फिर भी सब चलते है, चलते रहते  है ...

किसी के इंतजार मे आगे बढ़ते रहते  है कि ..

राह मे शायद कोई मिल जाए हमसफर बनकर...

और ये सफर कट जाये गीत बनकर ...

 खुशियाँ  ख्वाब बन  कर आंखो मे बस जाए...

इसक हर लम्हा खूबसूरत बन जाएँ ......

 

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