शुक्रवार, 3 नवंबर 2017

तुम मिले .....





कुछ तो जुड़ रहा था तेरे दिल से मेरे दिल तक जब तुम मिले थे ...

कुछ तो मिल रहा था तेरे मन से मेरे मन तक जब तुम मिले थे ,

हर लम्हा मेरा  ठहर गया था जब तुम मिले थे ..

उस वक्त मे कुछ तो खास रहा होगा  जब तुम मिले थे ...

बरस रही थी हर तरफ प्यार की बुँदे जब तुम मिले थे ...

हो रहा था कुछ अजीब सा एहसास जब तुम मिले थे ...

तेरी  झुकी पलके कर रही थी कुछ इशारे जब तुम मिले थे ..

कुछ तो अलग था तेरे दिल की धड़कन मे  जब तुम मिले थे ...

कितनी बेताब थी मेरे दिल की धड़कन जब तुम मिले थे...

बदलने  लगे मेरे ख्वाब  हकीकत मे जब तुम मिले थे ...

जीना आ गया था मुझे पाकर साथ तुम्हारा जब तुम मिले थे  ...

रश्क था मुझे अपने नसीब पर की मुझे तुम मिले सिर्फ तुम मिले .....|

 

 

 

 
 

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