सोमवार, 3 दिसंबर 2018

मेरे यार से हसीं कुछ भी नहीं





मेरे यार से  हसीं कुछ भी  नहीं 
उसके प्यार से  हसीं कुछ भी नहीं, 

फूलों की तरह नाज़ुक है वो 
सच की तरह खूबसूरत है वो, 

मेरी पलकों में बसा हुआ  मेरा ख्वाब है वो 
मेरी दुनिया मेरा इंतखाब है वो, 

मेरी मुहब्बत मेरा मुक़द्दर है वो 
मेरा अक्स भी और  मेरा वजूद है वो, 

मेरे जीने की वजह मेरा मक़सद है वो 
मेरी आदत मेरी जरुरत है वो, 

मेरी जिंदगी मेरी चाहत है वो   
मेरा दिल मेरी धड़कन है वो, 

दुआ है मेरी खुदा से जब भी देखूँ 
उसका ही चेहरा देखूँ ,
पा लूँ उसका प्यार हमेशा के लिए 
क्योकि .... 
उसके प्यार से हसीं कुछ भी नहीं 
मरे यार से  हसीं कुछ भी  नहीं...| 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें